चित्र गूगल से साभार
डा जगदीश्वर चतुर्वेदी, जाने माने मार्क्सवादी साहित्यकार और विचारक हैं.8 अक्टूबर,2012 को हस्तक्षेप में प्रकाशित-9वें विश्व हिन्दी सम्मेलन पर पढिये उनका यह लेख
नौवां विश्व हिन्दी सम्मेलन को समग्रता में देखें तो यह हिन्दी का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला है। इससे हिन्दी सेवा कम हुई। नौकरशाही,कांग्रेस और संघ परिवार के कारिंदालेखकों -हिन्दीसैनिकों एवं सांसदों की मौजमस्ती ज्यादा हुई। कायदे से राजभाषा संसदीय समिति को इस सम्मेलन की गहराई में जाकर जांच करनी चाहिए और खोजी पत्रकारों को इस सम्मेलन की अंदरूनी अपव्यय गाथा को खोलना चाहिए।हिन्दी के नाम पर यह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है........
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