हमारे देश की राजभाषा हिंदी हॆ.सभी सरकारी-काज हिंदी में ही होना चाहिए,लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी ज्यादातर सरकारी काम-काज अभी भी एक विदेशी भाषा’अंग्रेजी’में हो रहा हॆ.आखिर क्यों? इसके लिए सरकार दोषी हॆ या हम लोग?या दोनो? इन्हीं सवालों का जवाब खोजने का प्रयास हॆ-राजभाषा विकास मंच.
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