नया घर

23 जनवरी, 2011

राजभाषा हिंदी के समुचित प्रचार-प्रसार में-ब्लाग लेखन पर संगोष्ठी




हिन्दी का प्रयोग न करने को देश में क्राइम घोषित कर दिया जाना चाहिए
पवन *चंदन* ON SATURDAY, JANUARY 22, 2011 |

नयी दिल्ली/ हिन्‍दी का प्रयोग न करने को देश में क्राइम घोषित कर दिया जाना चाहिए और आज मैं इस मंच से पूरा एक दशक हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग के नाम करने की घोषणा करता हूं। इस एक दशक में आप देखेंगे कि हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग सबसे शक्तिशाली विधा बन गई है। जिस प्रकार मोबाइल फोन सभी तकनीक से युक्‍त हो गया है, उसी प्रकार हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग सभी प्रकार के संचार का वाहक बन जाएगी। प्रख्‍यात व्‍यंग्‍यकार और चर्चित ब्‍लॉग नुक्‍कड़ के मॉडरेटर अविनाश वाचस्‍पति ने जब यह आवाह्न किया तो पूरा सभागार तालियों की करतल ध्‍वनि से गूंज उठा।उन्‍होंने कहा कि मीडियाकर्मियों और हिन्‍दी ब्‍लागरों का समन्‍वयन अवश्‍य ही इस क्षेत्र में सकारात्‍मक क्रांति का वाहक बनेगा। जिस प्रकार हिन्‍दी ब्‍लॉगर और मीडियाकर्मी एकसाथ मिले हैं, उसी प्रकार यह परचम सभी क्षेत्रों में लहराना चाहिये। प्रत्‍येक क्षेत्र में से हिन्‍दी ब्‍लॉगर बनें और अपने अपने क्षेत्र की उपलब्धियों को सामने लायें। हिंदी मन की भाषा है और इस भाषा की जो शक्ति है वो हिन्‍दी के राष्‍ट्रभाषा न बनने से भी कम होने वाली नहीं है। वे राजधानी के आदर्श नगर में आयोजित हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग की कार्यशाला और ब्‍लॉगर सम्‍मेलन के मौके पर उपस्थित समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
आई बी एन सेवन के अनिल अत्री ने कहा कि हिंदी भाषा सम्पूर्ण राष्ट्र को जोड़ने की क्षमता रखती है..विश्व मंच पर राष्ट्र का गौरव भाषा बन सकती है..हिंदी खुद में एक संस्‍कृति और संस्कार है..दिल से बोली जाने और दिल से सुनी जाने वाली इस भाषा को पढ़ने और लिखने वालों की संख्या देशभर में कम नहीं है।
इस कार्यशाला की उपलब्धि उत्‍तराखंड खटीमा से पधारे डॉ. रूपचन्‍द्र शास्‍त्री ‘मयंक’ और चित्‍तौड़गढ़ से पधारी इंदुपुरी गोस्‍वामी रहीं। दिल्ली में प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया से भी भारी संख्या में पत्रकारों ने शिरकत कर वेब पत्रकारिता के गुर भी सीखे और यह अनुभव किया कि आज हिंदी किस मुकाम पर है और इसे शिखर पर पहुंचाया जा सकता है। इस कार्य शाला में शिरकत कर रहे मीडियाकर्मियों ने अपने अपने ब्‍लॉग बनाये और संकल्प किया कि वे भी अब नियमित रूप से ब्लॉग लिखा करेंगे।
उपस्थित लोगों में उल्‍लेखनीय चर्चित ब्‍लॉगर अजय कुमार झा, पवन चंदन, सुरेश यादव, पाखी पत्रिका की उप संपादक प्रतिभा कुशवाहा, संगीता स्‍वरूप, वंदना गुप्‍ता, शिशिर शुक्‍ला, राजीव तनेजा, शोभना वेलफेयर सोसायटी के सुमित तोमर, विनोद पाराशर हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग में पी एच डी कर रहे केवल राम, अनिल अत्री,इत्‍यादि के नाम उल्‍लेखनीय हैं। मीडियाकर्मियों में इंडियान्‍यूज के वी के शर्मा, सहारा टी वी के रजनीकांत तिवारी, आज तक के आनंद कुमार, सतीश शर्मा ,संजय राय , राजेश खत्री , योगेश खत्री , हर्षित , दीपक शरमा , राजेंदर स्वामी ने अपने अपने ब्‍लाग बनाये।
ब्‍लॉग लिखने की तकनीकी जानकारी पद्मावली ब्‍लॉग के पद्म सिंह, ब्‍लॉगप्रहरी के कनिष्‍क कश्‍यप और अविनाश वाचस्‍पति ने सामूहिक रूप से दी। इस कार्यशाला का आयोजन और संचालन अनिल अत्री ने किया। आदर्श नगर में करीब सुबह 11 बजे से शुरू हुई हिन्‍दी ब्‍लॉगिग की यह कार्यशाला शाम 5 बजे तक निरंतर चलती रही. इस कार्यशाला में देश के कई नामी साहित्‍यकार लेखक और दिल्ली के हिंदी पत्रकारों ने भाग लिया.
प्रस्‍तुति : नुक्‍कड़ संपादकीय टीम।


संगोष्ठी के कुछ अन्य छाया चित्र

7 टिप्‍पणियां:

  1. हम सभी के प्रयत्न से यह कार्यक्रम सफल रहा...

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  2. इच्यादि में हम भी अपना नाम जोड़ रहे हैं!
    यदि आपको ऐतराज न हो तो..!

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  3. काजल कुमार जी,
    आपने यहां आकर,मेरा उत्साह बढाया.वाकई मेरी तो बल्ले बल्ले हो गयी.

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  4. प्रिय सुमित व आदरणीय ’मयंक’जी
    इस तरह के आयोजन किसी एक व्यक्ति के प्रयास से सफल नहीं होते.इसकी सफलता में छोटो की सक्रियता व बडों का आशिर्वाद-दोनों शामिल हॆं.शास्त्री जी दिल्लीवाले, आपके तो विशेषरुप से आभारी हॆं कि आपने इतनी दूर से आकर कार्यक्रम की शोभा बढाई.

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  5. बहुत ही अच्छा खयाल है । अपने ही देश में राजभाषा विकास के लिये इतना परिश्रम - भारत सरकार की नींद कब खुलेगी ।

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